माता वैष्णो देवी की यात्रा कैसे करें

माता वैष्णो देवी की यात्रा: सफलतापूर्वक यात्रा कैसे करें 

माता वैष्णो देवी की यात्रा कैसे करें

माता वैष्णो देवी की यात्रा भारत में सबसे प्रसिद्ध और पावन तीर्थ यात्रा में से एक है। यह यात्रा जम्मू कश्मीर के त्रिकूट पर्वत पर स्थित माता वैष्णो देवी के मंदिर तक होती है। माता रानी का यह दिव्य दरबार कटरा में त्रिकूट पर्वत पर विराजमान है, जो जम्मू से लगभग 50 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शर्दी हो या गर्मी का मौसम हो, यहां पर हर साल लाखों भक्त माता वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए आते हैं। इस लेख में हम आपको माता वैष्णो देवी यात्रा की पूरी जानकारी देंगे।



माता वैष्णो देवी जी की पौराणिक कथा 

प्राचीन काल में भैरवनाथ नाम का एक तांत्रिक था। वह अपनी तंत्र और मंत्र विद्या से बहुत ही प्रभावशाली बन गया था। देवी, देवताओं के भक्तों को सताता था। उसके अत्याचार से देवी, देवताओं के उपासक परेशान और दु:खी थे। हंसाली गांव में माता वैष्णो देवी का श्रीधर नाम का परम भक्त रहता था। माता की श्रीधर पर विशेष कृपा दृष्टि थी। भैरवनाथ को इस बात की भनक लगी। भैरवनाथ अपने 360 शिष्यों के साथ श्रीधर के घर पहुंच गया आज भंडारे का आयोजन करने का दबाव बनाया। उसने सभी गांव वालों को भंडारे में आमंत्रित करने का आदेश दिया। श्रीधर बहुत ही गरीब ब्राह्मण था। वह घबरा गया और चिंता में डूब गया। तभी माता वहां प्रकट हुई और श्रीधर को समझाया तुम चिंता मत करो। मैं भंडारे के सभी प्रबंध कर दूंगी। तुम सभी गांव वालों को भंडारे में आमंत्रित करो। श्रीधर ने सभी को भंडारे में आमंत्रित किया। सभी गांव वाले भंडारे में उपस्थित हो गए। भैरवनाथ भी अपने शिष्यों के साथ भंडारे में आ गया। माता वैष्णो देवी ने एक कन्या का रूप धारण कर लिया। माता ने अपनी शक्ति से सोने चांदी के बर्तन में अनेक प्रकार के पकवान वहां उपस्थित कर दिए। माता स्वयं ही भोजन परोसने लगीं। जब भैरवनाथ को माता भोजन परोसने लगीं तो उसने सात्विक भोजन खाने से मना कर दिया और मद्य, मांस सेवन करने की बात कहने लगा। कन्या रूपी माता वैष्णो देवी ने भैरवनाथ को समझाने की कोशिश की किंतु भैरव अपनी बात पर अड़ा रहा। उसने अपनी शक्ति से माता को पहचान लिया। माता वैष्णो देवी ने भी भैरव की चाल को भाप लिया। जब भैरवनाथ ने उसे कन्या को पकड़ना चाहा तो कन्यारूपी वैष्णो देवी वहां से त्रिकूट पर्वत पर चली गई और एक गुफा में हनुमान जी को रक्षा करने के लिए बाहर खड़ा करके, नौ माह तक गुफा में तपस्या की।


इस गुफा को आज अर्द्धकुवारी के नाम से जाना जाता है। हनुमान जी को प्यास लगने पर वैष्णो देवी ने धनुष से बाण चलाकर जलधारा का निर्माण किया। इस पवित्र जलधारा को बाणगंगा के नाम से जाना जाता है। जब भैरवनाथ माता को ढूंढते हुए अर्द्धकुवारी गुफा तक पहुंचा, तो माता वहां से त्रिकूट पर्वत वाली गुफा में जा बैठी। भैरवनाथ की माता के पीछे-पीछे गुफा में पहुंच गया। माता ने उसके शीश पर इतनी जोर से प्रहार किया कि उसका शीश आठ किलोमीटर दूर जा गिरा। आज उसे स्थान को भैरोनाथ मंदिर के नाम से जाना जाता है। माता ने भैरवनाथ का वध जिस स्थान पर किया, उसे भवन कहा जाता है। भैरवनाथ ने प्राण त्यागने से पहले माता से क्षमा याचना की। वैष्णो देवी माता को उसे पर दया आ गई। माता वैष्णो देवी जानती थी, कि भैरवनाथ का उन पर हमला करने की प्रमुख मंशा, मोक्ष प्राप्त करना था। वैष्णो देवी ने भैरवनाथ को वरदान दिया, मेरे दर्शन तब तक पूरे नहीं माने जाएंगे, जब तक कोई भक्त मेरे दर्शन के बाद तुम्हारे दर्शन नहीं करेगा।


माता वैष्णो देवी की यात्रा की शुरुआत 

माता वैष्णो देवी की यात्रा कैसे करें

माता वैष्णो देवी की यात्रा करने के लिए और यहां तक पहुंचने के लिए सबसे सस्ता और और अच्छा तरीका है ट्रेन का। कटरा में ही श्री माता वैष्णो देवी कटरा रेलवे स्टेशन बना हुआ है। भारत में कई शहरों से डायरेक्ट ट्रेन आपको जम्बू रेलवे स्टेशन के लिए मिल जाएगी। जम्मू रेलवे स्टेशन के बाहर ही बस और टैक्सी स्टैंड बना हुआ है। यहां पर आपको सरकारी और प्राइवेट दोनों प्रकार की बसें मिलजाएगी। कटरा में आपको बसें, नए बस स्टैंड या फब्बारा चौक से लगभग 500 मीटर पहले ही छोड़ देती हैं,क्योंकि बसें अब पुराने बस स्टैंड तक नही जाती हैं। आप यहां से ऑटो से या पैदल फब्बारा चौक तक जा सकते हैं, क्योंकि यही कटरा का मैन सेंटर प्वाइंट है। अगर आप जम्मू से टैक्सी के माध्यम से आना चाहते हैं, तो आपको टैक्सी वाले ₹1200 से ₹1500 तक का चार्ज लेंगे और आपको फब्बरा चौक के पास बने टैक्सी स्टैंड के पास ड्रॉप कर देंगे।

माता वैष्णो देवी की यात्रा अगर आप अपने शहर से फ्लाइट से पूरा करना चाहते हैं,तो आप जम्मू तक फ्लाइट से आने के बाद बस या टैक्सी से कटरा तक पहुंच सकते हैं।


माता वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान यहां पर ठहरने की व्यवस्था 

माता वैष्णो देवी की यात्रा के दौरान आप अगर होटल में रुकना चाहते हैं, तो आप पुराने बस स्टैंड के पास में, हेलीपैड रोड पर, कटरा मैन मार्केट में या कहीं पर भी रूम ले सकते हैं। बजट होटेल की बात करें तो, आप पुराने बस स्टैंड के पास गली में अच्छे होटल में रूम ले सकते हैं। यहां पर ₹600 से रूम स्टार्ट हो जाते हैं। अगर आप यहां पर बहुत अच्छे और वीआईपी होटल में रूम लेना चाहते हैं, तो इसके रेट ₹2000 से स्टार्ट हो जाते हैं, जो ₹5000 और ₹10000 तक में बहुत अच्छे होटल में रुक सकते हैं। अगर आप चाहे तो आप श्राइन बोर्ड के निहारिका कॉम्प्लेक्स में भी रूम ले सकते हैं। यहां पर आपको बहुत अच्छे और वीआईपी रूम मिलते हैं। डबल बेड के चार्जेस ₹2200 और फॉर बेडेड रूम के चार्जेस ₹2800 रहते हैं। वहीं निहारिका कॉम्प्लेक्स में डॉरमेटरी की फैसलिटी भी मिल जाती हैं। यहां पर आपको ₹150/बेड के हिसाब से चार्जेस देना पड़ता है और इसके साथ आपको लॉकर फेसलिटी भी मिल जाती है।


माता वैष्णो देवी के दर्शन कैसे करें

माता वैष्णो देवी के दर्शन के लिए सभी भक्तों को RF ID Card बनवाना पड़ता है। तभी आप यात्रा कर सकते हैं। RF ID Card एक यात्रा पास होता है, जो बाणगंगा चेक पोस्ट और ताराकोट चेक पोस्ट पर चेक किया जाता है। 


RF ID Card आप कहा - कहा से बनवा सकते हैं

अगर आप जम्बू स्टेशन से आ रहे हैं तो रेलवे स्टेशन के बाहर ही वैष्णवी भवन बना हुआ है यहां पर बहुत कम भीड़ रहती है आप यहां से भी अपना RF ID Card बनवा सकते हैं लेकिन RF ID Card कार्ड बनने के बाद 6 घंटे के अंदर यात्रा शुरू करनी पड़ती है। वहीं आप कटरा रेलवे स्टेशन से, जम्बू एयरपॉर्ट से, कटरा मैन चौराहा के पास से या तारा कोट मार्ग से भी इसको बनवा सकते हैं। इसको बनवाने के लिए आपके पास आधार कार्ड होना जरूरी है और ये फ्री में बनता है। इस कार्ड का बनवाने का समय सुबह 5:00 बजे से रात 10:00 बजे तक है।

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यात्रा करने का सबसे अच्छा तरीका और मार्ग

 
माता वैष्णो देवी की यात्रा कैसे करें

माता वैष्णो देवी की यात्रा के लिए यहां पर दो मार्ग बने हुए हैं। पहला बाणगंगा मार्ग और दूसरा ताराकोट मार्ग, अगर आप पैदल और आरामदायक यात्रा करना चाहते हैं, तो ताराकोट मार्ग सबसे अच्छा मार्ग है। इस मार्ग पर घोड़े खच्चर नहीं चलते हैं, इसलिए पैदल यात्रियों के लिए यह मार्ग सबसे अच्छा विकल्प है। कटरा मैन चौराहे से ऑटो के माध्यम से ताराकोट तक पहुंच सकते हैं। यहां से अर्धकुमारी मंदिर की दूरी लगभग 7 किलोमीटर है फिर अर्धकुमारी से हिमकोटी मार्ग होते हुए 5 किलोमीटर की और यात्रा करनी होती है फिर आप माता रानी के भवन तक पहुंच जाएंगे। इस मार्ग से आपको टोटल लगभग 12 किलोमीटर की यात्रा करनी होती है। इस मार्ग से आपको नॉर्मल चढ़ाई करनी पड़ती है। जगह-जगह पर खाने के लिए बहुत ही अच्छे रेस्टोरेंट बने हुए हैं और जगह-जगह पर टॉयलेट भी बने हुए हैं, जो फ्री ऑफ कास्ट हैं। लगभग 3 किलोमीटर की यात्रा को पूरा करने के बाद आप माता रानी के लंगर के पास आ जाएंगे। यहां पर बहुत ही अच्छा पार्क बना हुआ है। आप पार्क में जरूर बठिए और फोटो शूट करें। लंगर में आप दाल, चावल का प्रसाद ग्रहण कर सकते हैं। यह प्रसाद बहुत ही शुद्ध और स्वादिष्ट होता है। यहां से लगभग 4 किलोमीटर की और यात्रा को पूरा कर हम आ जायेंगे अर्धकुमारी हिमकोटि मार्ग पर, अगर आप अर्धकुमारी जी के दर्शन करना चाहते हैं तो आप ऊपर वाले रास्ते से होते हुए अर्धकुमारी मंदिर तक पहुंच जाएंगे। अर्धकुमारी मंदिर में दर्शन के लिए हमेशा वेटिंग रहती है। लगभग 12 से 15 घंटे नॉर्मल वेटिंग रहती है। आप वेटिंग टाइम लेकर पहले माता वैष्णो देवी जी के दर्शन कर सकते हैं और फिर वापसी में आप अर्धकुमारी जी के दर्शन कर सकते हैं। अर्धकुमारी जी से वापसी करते हुए आप फिर से अर्धकुमारी हिमकोटी मार्ग पर आजाएं। यहां से भवन का रास्ता और भी सरल हो जाता है। बहुत ही कम चढ़ाई करके आप 5 किलोमीटर की यात्रा को पूरा कर भवन के पास तक पहुंच जाएंगे। हिमकोटी मार्ग पर आपको श्राइन बोर्ड के भोजनालय मिल जाएंगे। यहां पर बहुत ही कम रेट में बहुत ही अच्छा भोजन मिलता है। इस मार्ग पर जगह जगह पर आपको टॉयलेट मिल जायेंगे और ठंडा और गर्म पानी भी मिल जाएगा। एक किलोमीटर पहले से ही आपको माता रानी का दरबार दिखने लगता है जिसको देखकर आपकी सारी थकान दूर हो जाती है। इस यात्रा को पूरा करने में 6 से 7 घंटे का समय लग जाता है।

माता वैष्णो देवी की यात्रा कैसे करें

बाणगंगा मार्ग से अगर आप आते हैं, तो आपको घोड़े, पिट्ठू, पालकी की सुविधा मिल जाएगी। बाणगंगा चेक पोस्ट पार करके आपको बहुत से घोड़े, पालकी, पिट्ठू वाले मिल जाते हैं। बाणगंगा से अर्धकुमारी तक घोड़े के रेट ₹650 और बाणगंगा से भवन तक ₹1250 देने पड़ते हैं। यहां पर प्रीपेड काउंटर बने हुए हैं। यहीं से आप रशीद ले सकते हैं। अगर आप बच्चों के लिए पिट्ठू करना चाहते हैं, तो बाणगंगा से अर्धकुमारी तक ₹250 और बाणगंगा से भवन तक ₹350 का चार्ज लगता है। अगर आप पालकी से जाना चाहते हैं, तो बाणगंगा से भवन तक और वापसी का चार्ज ₹4000 तक लग सकता है। अगर आप बाणगंगा से भवन और फिर भैरव मंदिर से होते हुए वापसी करना चाहते हैं, तो आपको ₹4500 तक देने पड़ सकते हैं। अगर आप चाहे तो बाणगंगा मार्ग से भी पैदल यात्रा भी कर सकते हैं। आप कटरा मैन चौराहे से ऑटो के माध्यम से लगभग ₹160 देकर बाणगंगा चेक पोस्ट तक आ सकते हैं। कटरा मैन मार्केट से भी आप यात्रा शुरू कर सकते हैं। 1.5 किलोमीटर की यात्रा को पूरा कर आप बाणगंगा चेक पोस्ट तक पहुंच जाएंगे। फिर यहां से 5.5 किलोमीटर की यात्रा को पूरा करके आप अर्धकुमारी तक पहुंच जाएंगे। इस मार्ग पर आपको दोनों साइड मार्केट मिलेगी, साथ ही साथ सीढियां भी मिलती हैं। इस मार्ग का प्रयोग कर आप आ जाएंगे हिमकोटि मार्ग पर। हिमकोटी मार्ग पर घोड़े नहीं चलते हैं, इसलिए हिमकोटी मार्ग और भी अच्छा रास्ता हो जाता है। अगर आप भवन तक बैटरी कार से जाना चाहते हैं, तो अर्धकुमारी मोड़ से भवन तक के लिए हिमकोटी मार्ग पर बैटरी कार की भी सेवा चलती है। अर्धकुमारी से भवन तक जाने के लिए ₹354 और वापसी के लिए ₹236 तक का चार्ज लिया जाता है। इसकी बुकिंग 2 महीने पहले आप श्राइन बोर्ड की ऑफिसियल साइड से कर सकते हैं।

माता वैष्णो देवी की यात्रा कैसे करें

दुर्गा भवन के पास में ही टॉयलेट और बाथरूम की फैसेलिटीज मिल जाती है। आप यहां पर फ्रेस होकर आराम से स्नान कर सकते हैं, जो फ्री ऑफ कास्ट रहता है। इसके बाद आप लॉकर में अपना सारा सामान जमा कर सकते हैं। यहां पर आपको दो-तीन जगह लॉकर फैसेलिटीज मिल जाती हैं, जो फ्री ऑफ कास्ट रहती हैं। लॉकर में आप अपना सारा सामान जैसे - मोबाइल, पर्स, घड़ी,चमड़े की बेल्ट, बैग, शूज आदि रख सकतें हैं। आप अपने साथ में सिर्फ RF ID Card और पैसे ले जा सकते हैं। पार्वती भवन के सामने प्रसाद काउंटर बने हुए हैं।


मैन गेट से इंट्री करने के बाद स्काई वॉक से होते हुए अब हम लोग आगे बढ़ेंगे। बीच में आप प्राचीन गुफा के भी दर्शन कर सकते हैं। इसके बाद अब हम लोग मुख्य परिसर में आजाएंगे और माता रानी की गुफा में प्रवेश करेगें। यहां पर माता वैष्णो देवी, महाकाली, महालक्ष्मी, महासरस्वती के रूप में विराजमान है। आप यहां पर माता वैष्णो देवी जी के पिण्डी रूप के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं। स्वर्ग से सुंदर माता रानी का यह दरबार बहुत ही अलौकिक और दिव्य है। यहां पर माता रानी अपने भक्तों की सभी मनोकामना को पूरा करती हैं। माता वैष्णो देवी जी के दर्शन करने के लिए 15 से 20 मिनट लग सकते हैं और भीड़ होती है, तो आपको 2 से 3 घंटे तक भी लग सकते हैं।


माता वैष्णो देवी जी के दर्शन करने के बाद में आप भवन से बाहर आ जायेंगे और कुछ सीढ़ियां उतरने के बाद आप शिव जी के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर महादेव बहुत ही अद्भुत रूप में विराजमान हैं। महादेव आपकी सभी मनोकामना को पूरा करेंगे। वापसी के समय आप हनुमान जी के भी दर्शन कर सकते हैं। माता रानी के मंदिर में सुबह और शाम आरती होती है। आरती के समय पर लाइन को रोक दिया जाता है। सुबह 6:30 से 7:00 के बीच में और शाम को 6:30 से 8:00 के बीच में आरती का समय रहता है।

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माता रानी के भवन के पास ठहरने की व्यवस्था

अगर आप माता रानी के भवन के पास में रुकना चाहते हैं, तो यहां पर कालिका भवन, दुर्गा भवन, मनोकामना भवन, पार्वती भवन और भी बहुत से भवन बने हुए हैं, जहां पर बेड और रूम ले सकते हैं। बेड के चार्जेस ₹150  से स्टार्ट हो जाते हैं और रूम के चार्जेस ₹1100 से स्टार्ट हो जाते हैं, इसकी बुकिंग आपको पहले से ऑनलाइन करनी पड़ती है। माता रानी की आफिशियल वेबसाइट से आप इसकी बुकिंग कर सकते हैं। अगर आप यहां पर फ्री में रुकना चाहते हैं, तो पार्वती भवन और दुर्गा भवन में हाल बने हुए हैं। कंबल काउंटर से आप कंबल ले लीजिए। कंबल के लिए आपको ₹100 देने पड़ते हैं, जब आप कंबल वापस करेंगे, तब आपके ₹100 पर वापस कर दिए जाते हैं।


बाबा भैरवनाथ जी के दर्शन

भवन से भैरव मंदिर की दूरी लगभग 3.5 किलोमीटर की है, यहां पर आप पैदल, घोड़े या रोप वे से जा सकते हैं। यहां पर चढ़ाई थोड़ी ज्यादा रहती है, यहां पर घोड़े वाले आपसे ₹300 से लेकर ₹400 तक ले सकते हैं। रोप वे का ₹100 का किराया लगता है। भैरव मंदिर में आप 15 से 20 मिनट में आराम से भैरवनाथ जी के दर्शन कर सकते हैं और भैरव घाटी से माता रानी के मंदिर के अद्भुत नजारे देखने को मिलते हैं।


माता रानी के भवन तक हेलीकॉप्टर से कैसे जाएं 

कटरा मैन चौराहे से कश्मीर रोड पर लगभग 2 किलोमीटर की दूरी पर हेलीपैड बना हुआ है, यहां से आप हेलीकॉप्टर की मदद से सांझी छत तक जा सकते हैं। सांझी छत से माता रानी के भवन की दूरी लगभग 2 किलोमीटर रह जाती है, जिसे आप पैदल, घोड़े के माध्यम से पूरा कर सकते हैं। घोड़े वाले आपसे ₹250 से लेकर ₹300 तक का चार्ज कर सकते हैं। हेलीकॉप्टर में आपसे एक साइड का ₹2100 है और दोनों साइड का ₹4200 चार्ज लगता है। इसकी बुकिंग आप माता वैष्णो देवी आफिशियल वेबसाइट पर 2 महीने पहले कर सकते है।


माता वैष्णो देवी की यात्रा करने का सबसे अच्छा समय

माता वैष्णो देवी की यात्रा करने के लिए हर साल लाखों भक्त दर्शन करने आते हैं, लेकिन यहां पर आने का समय अक्टूबर से लेकर जून तक रहता है। जुलाई, अगस्त, सितंबर में यहां पर बारिश का समय रहता है, इसलिए आप इस समय माता वैष्णो देवी की यात्रा ना करें।

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माता वैष्णो देवी की यात्रा करने के लिए कितना बजट होना चाहिए

अगर आप यहां पर नॉर्मल बजट में होटल लेते हैं, ट्रेन या बस से यात्रा करते हैं, और माता रानी के दर्शन के लिए आप पैदल यात्रा करते हैं तो आप  का खर्च ₹3000 से ₹3500 + ट्रेन का किराया प्रति व्यक्ति तक लग सकता है और आप बहुत ही अच्छे तरीके से इस पावन यात्रा को पूर्ण कर सकते हैं। अगर आप यहां पर वीआईपी होटल लेते हैं, टैक्सी से आते हैं, और घोड़े या हेलीकॉप्टर से जाना चाहते हैं, तो फिर आप अपने बजट के हिसाब से इस पावन यात्रा को कर सकते हैं।



SUMIT KUMAR

My name is Sumit Kumar. My graduation completed in 2012. I live in Lucknow. I do blogging along with farming .

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