कैलाश मानसरोवर यात्रा: स्वर्ग के द्वार की ओर
कैलाश मानसरोवर यात्रा भारतीय धर्म और संस्कृति के प्रमुख तीर्थस्थलों में से एक है। कैलाश मानसरोवर को भगवान शंकर का घर माना जाता है। यह यात्रा न केवल शारीरिक रूप से चुनौतीपूर्ण होती है, बल्कि आध्यात्मिक और मानसिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। इस यात्रा को पूरा करने के लिए एक लंबा सफर तय करना पड़ता है। इस लेख में हम जानेंगे कि कैलाश मानसरोवर यात्रा कैसे करें और इसमें क्या- क्या ध्यान देने योग्य बातें हैं।
परिचय
कैलाश मानसरोवर यात्रा तिब्बत के प्रमुख स्थलों में से एक है, जिसे हिंदू, बौद्ध और जैन धर्म के अनुयायी मानते हैं, जो चीन के तिब्बत स्वायत्त क्षेत्र में स्थित है। यह यात्रा पर्वतीय इलाकों, बर्फ से ढकी सफेद धरती, पवित्र तालाबों, गहरी नालियों और अत्यंत मानसिकता से भरे धार्मिक स्थलों को शामिल करती है।
कैलाश पर्वत 6,714 मीटर (22,028 फुट) ऊंचा पर्वत है, जो चारो ओर बर्फ से ढका हुआ है। यह पर्वत एक त्रिशूल के आकार का है, जो हिंदू धर्म में भगवान शिव का प्रतीक है। कैलाश मानसरोवर एक झील है, जो कैलाश पर्वत के चारो ओर स्थित है। यह झील 108 तालाबों से जुड़ी हुई है। कैलाश मानसरोवर का पानी पवित्र माना जाता है और लोगों का ऐसा मानना है, कि इस पानी को पीने से मोक्ष प्राप्त होता है।
कैलाश मानसरोवर का परिवेश
कैलाश मानसरोवर का परिवेश अद्वितीय और प्राकृतिक सौंदर्य से युक्त है। यह स्थान आध्यात्मिकता और शांति का आध्यात्मिक केंद्र है और प्रकृति के साथ एक संवाद का स्थान है। पवित्र कैलाश पर्वत कैलाश मानसरोवर का केंद्रबिंदु है। मानसरोवर झील के पास आनन्द और शांति का अनुभव किया जा सकता है। इस शुद्ध जल का दर्शन करना और इसमें स्नान करना साधकों के लिए आध्यात्मिक अनुभव का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
कैलाश मानसरोवर के परिवेश में वन्यजीवन की अद्भुतता है। यहाँ पर्वतीय वन्यजीवन, शानदार हिमनदी और शांतिपूर्ण वातावरण का आनंद लिया जा सकता है।
कैलाश मानसरोवर की तीर्थयात्रा
कैलाश मानसरोवर की तीर्थयात्रा एक महत्वपूर्ण और पवित्र यात्रा है, जो हिंदू, जैन और बौद्ध धर्मावलंबियों के लिए महत्वपूर्ण है। इस यात्रा के दौरान प्रमुख स्थलों में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील शामिल है। कैलाश मानसरोवर की तीर्थयात्रा करना आसान नहीं है। यात्रा के दौरान यात्रियों को बहुत ही मुश्किलों का सामना करना पड़ता है जिसमें उबड़ खाबड़ रास्ते और खराब मौसम की स्थिति से गुजरना पड़ता है। कैलाश मानसरोवर यात्रा करने का सबसे अच्छा समय मई से सितम्बर के बीच माना जाता है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा एक छोटे से शहर दारचेन से शुरू होती है और यात्रियों को पवित्र कैलाश पर्वत के चारो ओर लगभग 52 किमी. की यात्रा पर ले जाती है। मानसरोवर झील को भी पवित्र माना जाता है और यहां की जल धारा में स्नान करने का विशेष महत्व है। इसे गौरीकुंड, अन्नपूर्णा और अंतर्वाहिनी भी कहा जाता है।
यह यात्रा आध्यात्मिकता , ध्यान और पवित्रता के लिए महत्वपूर्ण है। लोग इस यात्रा के लिए विभिन्न धार्मिक आधारों से आते हैं और इस यात्रा को अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण अनुभव मानते हैं।
यह यात्रा कठिन और मानसिक चुनौतियों से भरी हो सकती है लेकिन इसके परिणामस्वरूप लोग आध्यात्मिक और आत्मा की शांति प्राप्त करते हैं।
तिब्बत में प्रवेश करने और कैलाश मानसरोवर की यात्रा के लिए यात्रियों को बीजा और विशेष परमिट की आवश्यकता होती है। ऊंचाई पर जाते समय यात्रियों के लिए बीमारी भी एक चुनौती है जिससे यात्रियों को सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि क्षेत्र की अधिक ऊंचाई स्वास्थय के लिए गंभीर समस्याएं पैदा कर सकती है।
कैलाश मानसरोवर में चिकित्सा सुविधाएं सीमित है और यात्रियों को किसी भी चिकित्सा आपात स्थितियों से निपटने के लिए तैयार रहना होगा। कैलाश मानसरोवर में मौसम की स्थिति भी कठोर हो सकती है। अचानक बर्फीले तूफान और तेज हवाएं चल सकती हैं।
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कैलाश मानसरोवर यात्रा करने का सबसे अच्छा समय
कैलाश मानसरोवर यात्रा करने का सबसे अच्छा समय मई से सितम्बर के बीच का है। इस समय वर्षा का मौसम नहीं होता और पर्यटक यात्रा के लिए स्थिति अधिक सुखद हाई है। विशेषकर जून और सितम्बर माह में यहां पर जाने के लिए अधिक उपयुक्त माना जाता है। गर्मी के मौसम के दौरान कैलाश मानसरोवर क्षेत्र मौसम अपेक्षाकृत हल्का और सुखद होता है।
तापमान: कैलाश मानसरोवर क्षेत्र में तापमान वर्षा और मौसम के अनुसार बदलता रहता है। मार्च से जून के बीच, गर्मियों के महीनों में दिन का तापमान आमतौर पर 10°C से 20°C के बीच होता है, जबकि रात्रि में 0°C से 10°C हो सकता है। जुलाई से सितंबर के बीच, गर्मियों के महीनों में, तापमान थोड़ा बढ़ जाता है, लेकिन यह भी आमतौर पर शांत रहता है, जहां दिन का तापमान 15°C से 25°C के बीच होता है और रात्रि में यह 5°C से 15°C के बीच हो सकता है।
लेकिन यह तापमान वर्षा और अन्य मौसमी तथा प्राकृतिक परिस्थितियों के आधार पर बदल सकता है, इसलिए यात्रा करने से पहले मौसम की जानकारी अवश्य कर लें।
तीर्थयात्रा परिक्रमा: कैलाश मानसरोवर यात्रा का एक महत्वपूर्ण आकर्षण कैलाश पर्वत की परिक्रमा है। पर्वत के चारों ओर का सर्किट लगभग 52 किलोमीटर लंबा है और इसमें अधिक ऊंचाई पर चलना शामिल है। गर्मियों का मौसम कर्म बर्फ के कारण बेहतर ट्रैकिंग की स्थिति प्रदान करता है जिससे तीर्थ यात्री आराम से परिक्रमा पूरी कर सकते हैं।
कुल मिलाकर गर्मी का मौसम कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सबसे अनुकूल है, जो आरामदायक मौसम, पहुंच और धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सवों में शामिल होने के अवसर के बीच संतुलन प्रदान करता है।
कैलाश मानसरोवर यात्रा पर कैसे जाएं
कैलाश मानसरोवर यात्रा करने के लिए पहले आपको एक यात्रा कंपनी या यात्रा आयोजक से जुड़ना होगा। यह कंपनियां अक्सर यात्रा पैकेजेस प्रदान करती हैं जो आपको यात्रा की संपूर्ण व्यवस्था, वीजा, परमिट्स, भोजन, आवास, और यात्रा के लिए सारी आवश्यक सामग्री प्रदान करती हैं।
- यह यात्रा अक्सर नेपाल के काठमांडू से शुरू होती है और फिर तिब्बत के सिंगारे ला बार्डर के माध्यम से चलती हैं।
- आपको पहले तिब्बत के लिए वीजा और परमिट प्राप्त करना होगा।
- यात्रा के लिए उचित फिटनेस लेवल और आवश्यक तैयारी के साथ जाया जाता है।
- इस यात्रा में शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की मुश्किलें आ सकती हैं।
इसलिए, अगर आप कैलाश मानसरोवर यात्रा पर जाना चाहते हैं, तो पहले एक यात्रा आयोजक से संपर्क करें और उनके द्वारा प्रदान की जाने वाली सभी जानकारी को ध्यान से पढ़ें और उनके दिए गए निर्देशों का पालन करें।
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कैलाश मानसरोवर यात्रा के रास्ते
कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए दो विकल्प हो सकते हैं:
1. सड़क से यात्रा(भूमि यातायात): भारत से यहां पहुंचने के लिए आप दो मुख्य रास्तों का उपयोग कर सकते हैं:
- विशाल रूप से परिचित मार्ग भारत सरकार द्वारा संचालित होता है, जिसमें आपको भारत से श्रीनगर, लद्दाख, कास्टी, नाकुला, सागर, रक्षास ताल, पर्यटनीय स्थल मानसरोवर और फिर कैलाश पहुंचना पड़ेगा।
- एक और रास्ता भारत में लद्दाख से गुजरते हुए जाता है, और फिर वहाँ से तिब्बत के ऊपरी हिस्से से होते हुए कैलाश मानसरोवर तक जाता है।
2. हेलीकॉप्टर से यात्रा: कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए हेलीकॉप्टर से कुछ विकल्प उपलब्ध हैं। ये हेलीकॉप्टर सेवाएं अलग - अलग स्थानों से शुरू होती हैं और यात्रियों को कैलाश मानसरोवर के निकटतम अंतःस्थलों तक पहुंचा सकती हैं।
यह हेलीकॉप्टर सेवाएं अक्सर तिब्बत, नेपाल, और भारत के विभिन्न शहरों और नगरों से शुरू होती हैं, जैसे कि काठमांडू (नेपाल), लद्दाख (भारत) और हूंब (तिब्बत)।
हेलीकॉप्टर सेवाओं के माध्यम से यात्रा करने के लिए आपको एक हेलीकॉप्टर यात्रा एजेंसी के माध्यम से बुकिंग करनी होगी। ये सेवाएं खासकर तब लाभ देती हैं, जब आपके पास समय सीमित हो और आप कम समय मे यात्रा करना चाहते हों
भारतीय मार्ग: कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए भारत से विभिन्न मार्ग होते हैं। यह मार्ग आमतौर पर दो हैं।
- लिपुलेख मार्ग: यह मार्ग भारत के उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले से जोकर जाता है और नेपाल के सिमिकोट तक जाता है। यह मार्ग अधिक चुनौतीपूर्ण है, यह कैलाश पर्वत एक बेहतर दृश्य प्रदान करता है।
- नाथुला दर्रा मार्ग: यह मार्ग सिक्किम के नाथुला दर्रे से होकर जाता है और तिब्बत के पुरान तक जाता है। यह मार्ग कम चुनौतीपूर्ण है, लेकिन यह मानसरोवर झील का एक बेहतर दृश्य प्रदान करता है।
वर्तमान में कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए दो मार्ग उपलब्ध हैं। एक सिक्किम के रास्ते और दूसरा काठमांडू के रास्ते। सिक्किम रूट पर बागडोगरा (दिल्ली से 1115 किमी) ताक उड़ान भरना और उसके बाद 1665 किमी की सड़क यात्रा और 43 किमी की पैदल परिक्रमा शामिल है। इसमें 1665 किमी में से केवल 175 किमी की यात्रा भारत में होती है।
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कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए यात्रा युक्तियां
कैलाश मानसरोवर यात्रा एक अत्यंत महत्वपूर्ण और धार्मिक यात्रा है। इस यात्रा को करने से पहले कुछ युक्तियों का पालन करना उत्तम होता है।
- शारीरिक तैयारी: इस यात्रा में कठिन परिस्थितियों का सामना किया जाता है, इसलिए शारीरिक रूप से तैयार रहना महत्वपूर्ण है। यात्रा से पहले नियमित व्यायाम और स्वस्थ आहार की व्यवस्था करें। किसी भी आवश्यक चिकित्सीय जांच और सलाह के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।
- ध्यान और मेधावी योजना: यात्रा का समय सार्वजनिक और धार्मिक स्थलों पर आधारित होता है, इसीलिए आपको यात्रा के लिए एक मेधावी योजना बनानी चाहिए ओर ध्यान में रहना चाहिए।
- संयम और आत्म नियंत्रण: इस यात्रा में आत्म नियंत्रण बहुत महत्वपूर्ण है। संयम और समर्पण के साथ यात्रा को पूरा करने की आत्मिक तैयारी करें।
- आवश्यक सामग्री की व्यवस्था: यात्रा के लिए आवश्यक सामग्री जैसे की ठंडे क्लोथ्स, उच्च ऊंचाई के लिए उपयुक्त कपड़े, उच्चाधिक विचार आदि की व्यवस्था करें।
- गाइड का चयन: कैलाश मानसरोवर यात्रा में गाइड का महत्वपूर्ण योगदान होता है। एक अनुभवी और स्थानीय गाइड की मदद से यात्रा को संचालित किया जा सकता है।
- स्वास्थय और सुरक्षा की देखभाल: यात्रा के दौरान स्वास्थय और सुरक्षा का ध्यान रखें। जरूरत पड़ने पर वैधकीय सहायता और आपातकालीन सुविधाएं होनी चाहिए।
- हाइड्रेटेड रहें: अधिक ऊंचाई पार यात्रा करने के लिए उचित जलयोजन महत्वपूर्ण है। निर्जलीकरण से बचने के लिए दिन भर में खूब पानी पियें। सुरक्षित जल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जल शोधन टैबलेट या पोर्टेबल फिल्टर पानी ले जाने की भी सलाह दी जाती है।
- स्थानीय संस्कृति और रीति- रिवाज: कैलाश मानसरोवर क्षेत्र को कई धर्मों द्वारा पवित्र माना जाता है। स्थानीय रीति - रिवाजों, परंपराओं और धार्मिक स्थलों का सम्मान करें।
- पर्यावरण का सम्मान करें: पर्यावरण का सम्मान करना हमारा सभी का कर्त्तव्य है। हमे प्राकृतिक संसाधनों का सही ढंग से उपयोग करके उनका संरक्षण करना चाहिए, प्रदूषण को कम करना चाहिए। कचरे का उचित निपटान करना चाहिए। आसपास की पवित्रता का सम्मान करते हुए, उस स्थान को वैसे ही छोड़ दें जैसा आपको मिला था। इससे न केवल हम अपने वर्तमान की सुरक्षा बढ़ाते हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित पर्यावरण भी बनाते हैं।
डिस्क्लेमर: यह लेख कैलाश मानसरोवर यात्रियों को यात्रा से संबंधित जानकारी के लिए है। कैलाश मानसरोवर अत्यधिक आध्यात्मिक महत्व का स्थान है। यह यात्रा शारीरिक और मानसिक स्थिति की चुनौतियों के साथ आती है। यात्रा की योजना बनाने से पहले अपने चिकित्सक से सलाह जरुर लें।
लोगों द्वारा पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ):
1• कैलाश मानसरोवर यात्रा पर कितना खर्च आता है ?
• सामान्य रूप से एक पूर्ण संरचित कैलाश मानसरोवर यात्रा का खर्च यात्री की आवश्यकताओं और आपके चुने रास्ते पर निर्भर करता है। यह खर्च विभिन्न पैकेजों और आयोजकों के अनुसार भिन्न हो सकता है। इस यात्रा में लगभग 1.5 लाख से 2 लाख तक प्रति व्यक्ति खर्च आ सकता है।
2• कैलाश पर्वत जाने के लिए कितने दिन लगते हैं ?
• कैलाश मानसरोवर यात्रा तीन अलग-अलग राजमार्ग से गुजरती है। पहला- लिपुलेख दर्रा (उत्तराखंड), दूसरा- नाथुला दर्रा (सिक्कम), तीसरा- काठमांडू (नेपाल)। इन तीनों रास्तों पर जाने के लिए अधिकांश लोग कम से कम 15 और अधिकतम 20 दिन का समय लगाते हैं। यात्रा में लगने वाला समय पर्यटक की यात्रा के विविध पहलुओं और उनके चुने हुए मार्ग के आधार पर यह समय अलग-अलग हो सकता है।
3• कैलाश मानसरोवर यात्रा सब्सिडी
• कैलाश मानसरोवर यात्रा के लिए सब्सिडी विभिन्न सरकारी योजनाओं के अंतर्गत प्रदान की जाती है, जैसे केंद्र सरकार या राज्य सरकारों की तरफ से, इन योजनाओं के तहत यात्रियों को कुछ आर्थिक सहायता या अन्य लाभ प्रदान प्रदान किए जाते हैं। ऐसी योजनाओं की उपलब्धता, योग्यता और आवश्यक शर्तें स्थानीय सरकारों और संबंधित अधिकारियों पर निर्भर करती हैं।
4• कैलाश मानसरोवर से कितनी दूर है?
• कैलाश मानसरोवर, तिब्बत और चीन की सीमा पर स्थित है। मानसरोवर तट से कैलाश पर्वत लगभग 20 किलोमीटर (12 मील) की दूरी पर स्थित है।
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