Swarved temple: ये है दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर, क्या है इसकी खासियत
स्वर्वेद महामंदिर को बनाने में 600 कारीगर, 200 मजदूर और 15 इंजीनियर की कड़ी मेहनत से बना है। स्वर्वेद महामंदिर की लागत लगभग 1000 करोड़ रुपए है। यह दुनिया का सबसे बड़ा मेडिटेशन सेंटर है।
स्वर्वेद महामंदिर वाराणसी शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर उमरहा क्षेत्र में स्थित यह महामंदिर 3 लाख वर्ग फुट के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है मंदिर के चारों तरफ परिक्रमा परिपथ भी है स्वर्वेद मंदिर का उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया। स्वर्वेद मंदिर के लोकार्पण के दौरान पीएम मोदी के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे।
स्वर्वेद महामंदिर की नींव 2004 में सद्गुरु आचार्य स्वतंत्र देव और संत परिवार विज्ञान देव ने रखी थी इसे पूरा होने में लगभग 20 साल का समय लगा है इस महामंदिर के निर्माण में 600 श्रमिक 200 मजदूर और 15 इंजीनियर के द्वारा बनाया गया है।
क्या है इस मंदिर की खासियत
इस सात मंजिला महामंदिर में लगभग 20000 लोग ध्यान कर सकते हैं इसी कारण से इस दुनिया का सबसे बड़ा ध्यान केंद्र कहा जा रहा है।
इस मंदिर को बेहद खूबसूरत तरीके से डिजाइन किया गया है इस मंदिर की गुंबद पर 125 पंखुड़ियों वाले कमल को डिजाइन किया गया है इसकी दीवारों और स्तंभों पर भी बेहद खूबसूरत कलाकृतियां बनाई गई है।
इस मंदिर में सागौन की लकड़ी की छत और जटिल नक्काशी वाले दरवाजे लगे हैं। इसमें मकराना मार्बल भी लगा हुआ है जिस पर स्वर्वेद के 3137 छंद भी उकेरे गए हैं।
मंदिर की बाहरी दीवार पर 138 प्रसंग वेद महाभारत, रामायण, गीता, उपनिषद आदि के चित्र बनाए गए हैं। जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसके बारे में पता चल सके।
इस महा मंदिर की दीवारों को गुलाबी बलुआ पत्थर से सजाया गया है और इसमें औषधीय जड़ी बूटियां वाला एक सुंदर बगीचा इसकी खूबसूरती में चार चांद लगाए हुए हैं।
मंदिर प्रांगण में किसी देवी देवता की मूर्ति नहीं है, बल्कि इसमें ब्रह्म ज्ञान दिया जाएगा।
सातवें तल पर आधुनिक तरीके से दो ऑडिटोरियम बनाए गए हैं और ग्राउंड फ्लोर पर सद्गुरु सदाफल महाराज के आध्यात्मिक जीवन पर आधारित प्रदर्शनी व गुफा, सत्संग हॉल बनाया गया है।
इस मंदिर का नाम एक योगी और विहंगम योग के संस्थापक सद्गुरु श्री सदाफल देव महाराज जी द्वारा लिखित एवं आध्यात्मिक ग्रंथ सर्व वेद के आधार पर रखा गया है।